झंझारपुर: झंझारपुर लौकहा रेलखंड पर आमान परिवर्त्तन का कार्य पिछले 6 वर्षों से चल रहा है जिसमें पहले चरण में झंझारपुर से महरैल तक जिसकी दूरी 7 किमी है की सी आर एस के द्वारा निरीक्षण 22 फरवरी 2023 को कर ली गई है। आमान परिवर्त्तन के दूसरे चरण में महरैल स्टेशन से आगे चन्देश्वर स्थान रेलवे स्टेशन तक आमान परिवर्त्तन कार्य चल रहा है जिसकी दूरी 6 किमी है। जहां आज पहली बार 6 साल के बाद लाईट इंजन करीब 03ः36 बजे पहुंची । 6 साल के बाद बड़ी गेज की ट्रेन की सीटी सूनते ही लोग भागकर स्टेशन पहुंचे, देखते ही देखते लेागों की भीड़ जमा हो गई, इतने वर्षों के बाद लोग ट्रेन देखकर काफी हर्षित थे। ट्रायल के दौरान इंजन में कुल छः लोग जिसमें ई ई (कंशट्रक्शन, झंझारपुर) डी के चौधरी, एस एस ई पी डब्ल्यू (कंशट्रक्शन, झंझारपुर) आर जे प्रसाद और बी मंडल, चालक राजेश कुमार श्री, सह चालक संतोष कुमार यादव, गार्ड बरूण कुमार झा मौजूद थे।
नेपाल से सटे होने के कारण काफी महत्वपूर्ण रेलखंड
ज्ञात हो इस रेल का नेपाल अर्न्तराष्ट्रीय सीमा से सटे होने के कारण एक अलग ही महत्व है। सीमा से सटे होने के कारण नेपाल के लोगों को भी इस रूट पर ट्रेन के चलने से काफी फायदा होता है जिससे भारत और नेपाल के बीच बेटी रोटी का सम्बन्ध और गाढ़ा हो जाता है। लेकिन रूट लम्बे समय बंद रहने के कारण लेागों में एक उदासी बनी रहती है की आखिर कब ये रूट पूर्ण होगा।
सांसद की मांग पर, रेल महाप्रबंधक ने दिया आश्वासन
ज्ञात हो विगत कई महिनों से झंझारपुर के सांसद माननीय रामप्रीत मंडल के द्वारा झंझारपुर लौकहा रेलखंड पर ट्रेन परिचालन की मांग की जा रही है जिसमें विगत 14 जुलाई को हुए मंडल के क्षेत्रांन्तर्गत संसदीय बैठक में सांसद रामप्रीत मंडल ने इस रूट पर ट्रेनों की परिचालन को लेकर काफी जोर सोर से मुद्दा को रखा जिसपर रेल महाप्रबंधक से आश्वासन मिला की अगले अक्टूबर माह तक खुटौना तक ट्रेन पहुंचाने की पूरी कोशिश है जिसको लेकर हम सेामवार को चन्देश्वर स्थान रेलवे स्टेशन तक का ट्रायल कर, आगे बचे कार्य को पूरा करने की कोशिश करेंगे।
अनुमति के बाद ट्रेन न चलने से लोगों में आक्रोश
ज्ञात हो 22 फरबरी 2023 को झंझारपुर से महरैल के बीच सी आर एस निरीक्षण किया गया था निरीक्षण के उपरांत झंझारपुर से महरैल के बीच ट्रेन चलाने की अनुमति भी मिल चुकी है लेकिन 5 माह बीत जाने के बाद भी इस रेलखंड पर ट्रेन न चलने से लेागों में काफी उदाशिनता बनी हुई है।