लौकहा: झंझारपुर लौकहा रेलखंड पर आमान परिवर्त्तन का कार्य अंतिम चरण में चल रहा है। रेलवे के उदाशीनता के कारण विगत सात वर्षों से आमान परिवर्त्तन कार्य लटक रहा था जो अब जाकर कहीं धरातल पर दिख रही है, परिनाम है जनवरी 2024 के अन्त तक महरैल से लौकहा (35 किमी) का आमान परिवर्त्तन कार्य पूरा होने की उम्मीद है। 17 मई 2017 को मेगा ब्लौक होने के बाद उम्मीद थी की आने वाले 1 से 2 वर्षों में ही इस रेलखंड का आमान परिवर्तन कार्य पूरा कर इस यात्रियों के लिए चालू कर दिया जाएगा, लेकिन 17 मई 2017 के बाद इस क्षेत्र के लेागों को सिर्फ मायुसी ही हाथ लगी है।
बड़हरा पहुंची ट्रेन, क्या कहती जनता
ज्ञात हो कुछ दिन पहले ही वाचस्पतिनगर से बड़हारा के बीच मालगाड़ी का सफल ट्रायल किया गया। बड़हारा पहुचंने पर लेागांे के बीच काफी खुशी है। लेागों का कहना है कि लगभग सात वर्षों के बाद बड़हारा ट्रेन पहुंचने से उम्मीद जगी है कि अब जल्द ही खुटौना और लौकहा ट्रेन पहुचंेगी । लौकहा रेलवे स्टेशन नेपाल सीमा से सटे होने के कारण व्यवसायिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण रेलखंड है। पूर्व में छोटी गेज के दौरान झंझारपुर से लौकहा के बीच चार जोड़ी पैसेंजर ट्रेने चला करती थी। अब आस जगी है कि पैसंेजर ट्रेन के साथ - साथ अब इस क्षेत्र के लेागों को दिल्ली, मुम्बई समेत अन्य क्षेत्रों की ट्रेन मिल सकेगी।
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स्टार मिथिला न्यूज के द्वारा जब इस रेलखंड पर आमान परिवर्तन कार्य पूरा होने की लक्ष्य से सम्बन्धित आर टी आई दायर किया गया तो जवाब में स्टार मिथिला न्यूज के संपादक को बताया गया कि इस रेलखंड पर जनवरी 2024 में लौकहा तक ट्रन पहुंचाने की तैयारी है। उम्मीद है मार्च में CRS निरीक्षण हो और मई में लौकहा से झंझारपुर होकर दरभंगा तक ट्रेनो की परिचालन शुरू हो। कितनी ट्रेन चलेगी इसकी जानकारी नहीं दी गई है।
भेजा जाएगा नया प्रस्ताव
ज्ञात झंझारपुर से महरैल के बीच अप/ डाउन दो जोड़ी ट्रेनों का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजा गया है। डी आर एम विनय श्रीवास्तव के मुताबिक अब झंझारपुर से लौकहा के बीच फिर एक नया प्रस्ताव भेजा जाएगा। अब लौकहा से झंझारपुर के बीच नए प्रस्ताव के अनुसार ट्रेन चलेगी।