झंझारपुर: उम्मीद पर सारी दुनियां कायम है पर मिथिला के लोगों के पास पिछले सात वर्षों से उम्मीद के अलावा और कुछ नहीं था। एक उम्मीद थी कि दरभंगा से चलकर झंझारपुर के रास्ते लौकहा तक ट्रेन पहुंचे, और हम अपने क्षेत्र से लम्बी दूरी की ट्रेनों की यात्रा कर सके लेकिन अब ये उम्मीद की घरी खत्म होने वाली है। 


झंझारपुर से लौकहा तक आमान परिवर्त्तन कार्य लगभग पूर्ण हो गया है। खुटौना तक 18 दिसम्बर को ही ट्रेन पहुंच चुकी है, खुटौना के बाद लगभग 9 किमी की दूरी पर अन्तिम रेलवे स्टेशन लौकहा बाजार है, जहां ट्रेन लाने की तैयारी चल रही है।

लौकहा लगभग 7 वर्षों के बाद ट्रेन पहुंचेगी, 23 मई 2017 को मेगा ब्लौक लिया गया था। मेगा ब्लौक के बाद तैयारी थी एक से दो वर्षों में ट्रेन चलाने की लेकिन दुर्भाग्यवश अगले सप्ताह 7 वर्षों के बाद ट्रेन लौकहा पहुंचेगी। 


डी आर एम श्री विनय श्रीवास्तव के मुताबिक फरवरी माह के प्रथम सप्ताह में सी आर निरीक्षण की तैयारी है। जब तीसरे चरण में लौकहा से वाचस्पतिनगर के बीच सी आर निरीक्षण होगी, उसके बाद लौकहा से ही एलेक्शन पूर्व झंझारपुर होकर दरभंगा तक ट्रेन चलने की सम्भावना है। 

जानकारी के मुताबिक तीन चरण में इस रेलखंड के आमान परिवर्त्तन कार्य को पूरा करना है। जिसमें प्रथम चरण में झंझारपुर से महरैल तक सी आर निरीक्षण फरबरी 2023 में ही हो चुकी है। इसी माह महरैल से वाचस्पतिनगर तक सी आर एस की तैयारी चल रही है। अगले में वाचस्पतिनगर से लौकहा तक सी आर एस की उम्मीद है। 


एक मिडीया रिपोर्ट के मुताबिक लौकहा से दो जोड़ी डेमू ट्रेन चलाने का प्रस्ताव भेजा गया है। 7 वर्ष के ट्रेन लौकहा पहुंचने की खबर सुनकर आसपास के लेागों में काफी हर्ष व्याप्त है। मानना है कि अब सपना साकार होगा। 

स्टार मिथिला न्यूज पर खबरें और भी हैं...

WhatsApp चैनल से जुड़े 👉 Click करें