मेरठ से लखनऊ के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस को यात्री नहीं मिल रहे हैं। घाटे के कारण ट्रेन को वाराणसी स्टेशन तक बढ़ाने की तैयारी चल रही है। इससे लखनऊ से वाराणसी जाने वाले यात्रियों को राहत मिलेगी। साथ ही रेलवे का राजस्व भी बढ़ेगा.
सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन होने के बावजूद वंदे भारत को मेरठ की दूरी तय करने में सात घंटे से अधिक का समय लगता है। रेलवे बोर्ड के एक अधिकारी के मुताबिक, ट्रेन के विस्तार की योजना बनाई जा रही है। इसके तहत वाराणसी तक ट्रेन चलाई जा सकती है. इसके लिए फिजिबिलिटी जांच की जा रही है। वाराणसी तक ट्रेन के विस्तार से यात्रियों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है। लखनऊ से वाराणसी तक शटल ट्रेनें हैं, जिनमें बरेली से वाराणसी तक कई ट्रेनें शामिल हैं। ट्रेन की ऑक्यूपेंसी 80 से 90 फीसदी तक पहुंच जाएगी और ट्रेन का संचालन फायदे का सौदा हो जाएगा.
इतनी सीटें खाली चल रही हैं
ट्रेन नंबर 22489 लखनऊ-मेरठ वंदे भारत एक्सप्रेस में 15, 16 और 18 सितंबर को क्रमशरू 281, 289 और 360 सीटें खाली हैं। एक्जीक्यूटिव क्लास में समान तिथियों पर 30, 18 और 26 सीटें खाली हैं। ट्रेन नंबर 22453 राज्यरानी एक्सप्रेस के चेयर कार, थर्ड और सेकेंड एसी में 35 तक वेटिंग है। नौचंदी एक्सप्रेस की स्लीपर से लेकर एसी बोगियों तक में अगले तीन दिन तक वेटिंग चल रही है। सीटें खाली नहीं हैं.
दैनिक यात्री एसोसिएशन के अध्यक्ष एसएस उप्पल ने कहा कि पश्चिमी यूपी से इलाहाबाद हाई कोर्ट तक आने-जाने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए अगर वंदे भारत का विस्तार प्रयागराज तक किया जाए तो बेहतर होगा। चूंकि वाराणसी के लिए काफी ट्रेनें हैं, इसलिए वंदे भारत को प्रयागराज तक चलाने पर विचार किया जाना चाहिए। इसकी समय सारिणी ऐसी होनी चाहिए कि हाईकोर्ट जाने वालों को कोई परेशानी न हो।