जल्द ही मुंबई जाने वाली पुष्पक एक्सप्रेस को किसी टूथपेस्ट, वाशिंग पाउडर, चायपत्ती के नाम से पहचाना जाएगा। पूर्वोत्तर रेलवे की 25 जोड़ी ट्रेनों को राजस्व बढ़ाने के लिए एक बार फिर से विनायल रैपिंग के लिए उनका ई-आक्शन किया जाएगा।

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पूर्वोत्तर रेलवे ने ट्रेनों का चयन करके उनको तीन वर्ष के लिए लीज पर देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ट्रेनों के इंजन और उसकी बोगियों के बाहरी हिस्से में प्रचार के लिए उनकी विनायल रैपिंग की जाती है।

तेजस एक्सप्रेस को भी राज्य सरकार ने विनायल रैपिंग के लिए लीज पर लिया था। जबकि रामायण यात्रा जैसी स्पेशल ट्रेनों पर भी विनायल रैपिंग कर धार्मिक स्थलों के बारे में जानकारी दी जाती थी। दस साल पहले फरक्का एक्सप्रेस को भी एक चायपत्ती वाली कंपनी ने लीज पर लिया था। तब फरक्का एक्सप्रेस की बोगियों के साथ उनके इंजन की भी विनायल रैपिंग की गई थी। पूर्वोत्तर रेलवे अब राजस्व बढ़ाने के लिए एलएचबी बोगियों वाली पुष्पक एक्सप्रेस के अलावा लंबी दूरी की 25 जोड़ी ट्रेनों को विनायल रैपिंग करेगा।

जोन ने लखनऊ जंक्शन-चंडीगढ़ एक्सप्रेस, गोरखपुर तिरुवनंतपुरम, गोरखपुर सिकंदराबाद, गोरखपुर यशवंतपुर एक्सप्रेस, लखनऊ जंक्शन रायपुर, भोपाल गरीब रथ एक्सप्रेस, लखनऊ जंक्शन पाटलिपुत्र एक्सप्रेस, बादशाहनगर-गोरखपुर एक्सप्रेस, लखनऊ छपरा एक्सप्रेस, (ads2) छपरा फर्रुखाबाद एक्सप्रेस, गोरखपुर यशवंतपुर एक्सप्रेस, गोरखपुर मुंबई एक्सप्रेस, गोरखपुर मैलानी एक्सप्रेस, गोरखपुर आनंद विहार एक्सप्रेस, मऊ आनंद विहार एक्सप्रेस और गोरखधाम एक्सप्रेस सहित 25 जोड़ी ट्रेनें नए कलेवर में नजर आएंगी।

रेलवे ने सभी ट्रेनों की बोगियों की संख्या की गणना कर उनके विज्ञापन के क्षेत्रफल का आंकलन किया है। इसमें बोगियों की खिड़की, लोगो, बोगी नंबर और डिस्प्ले बोर्ड पर विनायल रैपिंग नहीं की जाएगी।