RAIL BUDGET :  समस्तीपुर-जयनगर रूट के विद्युतीकरण के बाद अब सकरी- झंझारपुर रूट का विद्युतीकरण कार्य शुरू हो गया। सकरी- झंझारपुर रूट पर रेल परिचालन शुरू होने के साथ ही झंझारपुर-निर्मली रूट पर भी तेजी से काम चल रहा है। इस रूट के शुरू हो जाने के बाद सकरी रेलवे का हब बन गया है। नए रूट पर विद्युतीकरण कार्य व परिचालन शुरू होने केबाद सकरी रेलवे स्टेशन असम और बंगाल जाने वाली रेल रूट से सीधा जुड़ जाएगा। इससे मिथिलंचल के लोगों को काफी फायदा होगा जिसको देखते हुए अब बड़ी लाइन केसभी ट्रैकों का विद्युतीकरण कार्य तेज किया जा रहा है। 

रेलवे के जानकारों की मानें तो मार्च 2023 मे सकरी झंझारपुर तक विद्युतीकरण कार्य पूरा करने का लक्ष्य है। उससे आगे कोसी व सहरसा तथा निर्मली तक का कार्य जल्द पूरा किया जाएगा। विद्युतीकरण को लेकर सकरी झंझारपुर रूट पर बिजली के खंभे उतारे जा रहे हैं। विद्युतीकरण कार्य से क्षेत्र में विकास को नयी गति मिलेगी। विद्युतीकरण हो जाने से नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा नेपाल से भारत के अंतिम स्टेशनों के लिए सीधी रेल सेवा शुरू हो जाएगी। विद्युतीकरण रेल सेवा की शुरुआत से सुपौल, अररिया और सहरसा जिले के लोगों को बहुत सुविधाएं मिलेंगी। कोलकाता, दिल्ली और मुंबई जैसी लंबी दूरी में भी सहूलियत होगी। वही सहूलियत होगी। वही सकरी-झंझारपुर रेलवे रूट के विद्युतीकरण कार्य के लिए उतारे गए बिजली पोलमुंबई दिल्ली महानगरों से न्यू जलपाईगुड़ी खगड़िया और भागलपुर आसाम के लिए सुविधाजनक रेल सेवा हो जाएगी।

Union Budget 2022: दुनिया के 5 सबसे बड़े रेल नेटवर्क में शामिल भारत

1. रेल नेटवर्क के मामले में नंबर एक पर है अमेरिका. इसका रेल नेटवर्क करीब 1 लाख 50 हजार किलोमीटर में फैला है. 

2. नंबर 2 पर है रूस, जिसका रेल नेटवर्क करीब 86,000 km है. जी हां अगर 2020 के आंकड़ों की बात की जाए तो करीब 87 करोड़ पैसेंजर ने रशियन रेलवे से ट्रैवल किया

3. वहीं इस लिस्ट में तीसरे पायदान पर भारत का नाम शुमार है, जिसका रेल नेटवर्क करीब 68 हजार km तक फैला हुआ है. साल 2020 में करीब 8 अरब लोगों ने रेल के जरिए यात्रा की.

4. चौथे नंबर पर आता है चीन, जिसका रेल नेटवर्क भी करीब-करीब भारत जितना ही है. जो कि लगभग 68 हजार km तक फैला है. 2020 में चीन के करीब 2.2 अरब लोगों ने रेल से यात्रा की थी.

5. पांचवे नंबर पर आता है कनाडा. इसका रेल नेटवर्क करीब 48 हजार km में फैला हुआ है, और 2020 में करीब 22 करोड़ लोगों ने यहां रेल से सफर किया था.

समस्तीपुर रेल मंडल 1132 किलोमीटर में फैला


समस्तीपुर रेल मंडल फिलहाल 1132 किलोमीटर में फैला है। जबकि, सोनपुर मंडल के तहत 495 किलोमीटर की रेललाइन आती हैं। दोनों रेल मंडल में ट्रेनों का संचालन और नियंत्रण में परेशानी हो रही है। समस्तीपुर रेल मंडल के 1132 किलोमीटर में से नरकटियागंज-मुजफ्फरपुर रेलखंड का 160 किलोमीटर और समस्तीपुर-खगड़िया रेलखंड का 85 किलोमीटर एरिया सोनपुर मंडल को देने की रणनीति तैयार की गई है। इससे समस्तीपुर मंडल की सीमा घटकर 887 किलोमीटर हो जाएगी। जबकि, सोनपुर रेल मंडल में 495 किलोमीटर में 245 किलोमीटर रेलखंड जुड़ने से 740 किलोमीटर का रेलखंड हो जाता। इस तरह का बनाया गया था नया परिसीमन

पूर्व मध्य रेलवे ने नया परिसीमन बनाकर रिपोर्ट दिया था। समस्तीपुर रेल मंडल में 887 किलोमीटर खंड में 686 किलोमीटर नए प्रोजेक्ट को जोड़ा जाएगा। जिसके बाद समस्तीपुर रेल मंडल में 1573 किलोमीटर का खंड होगा। इसमें समस्तीपुर-कुशेश्वरस्थान-खगड़िया रेलखंड में (1.4 किलोमीटर), हसनपुर-कुशेश्वरस्थान रेलखंड (10 किलोमीटर), बिहारीगंज-कुरसेला रेलखंड (35 किलोमीटर), बिरौल-हरनगर रेलखंड (36 किलोमीटर), जयनगर-बरदीदास रेलखंड (69 किलोमीटर) में भारत का 3 किलोमीटर और नेपाल का 66 किलोमीटर, लहेरियासराय-सिलौत (66 किलोमीटर), मोतिहारी-सीतामढ़ी-जयनगर-निर्मली (264 किलोमीटर), सुपौल-अररिया (92 किलोमीटर) शामिल हैं। 

जबकि, सोनपुर रेल मंडल के 740 किलोमीटर रेलखंड में नए 244 किलोमीटर को जोड़ा जाएगा। इसमें हाजीपुर-सुगौली रेलखंड (148 किलोमीटर), विक्रमशीला-कटरिया (18 किलोमीटर) व छपरा-मुजफ्फरपुर (78 किलोमीटर) शामिल हैं। पूर्व विधायक ने परिसीमन बदलने का किया था विरोध पूर्व विधायक दुर्गा प्रसाद सिंह ने कहा कि समस्तीपुर रेल मंडल 1969 में बना था। इसमें अधिकांश भाग मीटर गेज ही था। बाद के वर्षों में मंडल का धीरे-धीरे विकास हुआ। फिर भी इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा आमान परिवर्तन के कारण वर्षों से बंद हैं। मंडल में वर्तमान में 267 किलोमीटर का रेलखंड आमान परिवर्तन के कारण वर्षों से बंद हैं। वर्तमान में समस्तीपुर रेल मंडल 15 जिलों में फैला है और कुशल नियंत्रण में चल रहा हैं।

समस्तीपुर मंडल में 872 किलोमीटर का रेलखंड चालू अवस्था में

वर्तमान में समस्तीपुर मंडल में 872 किलोमीटर का रेलखंड चालू अवस्था में हैं। जिसमें से 240 किलोमीटर का मुजफ्फरपुर-बाल्मीकिनगर खंड एवं 85 किलोमीटर का समस्तीपुर-खगड़िया रेलखंड सोनपुर मंडल को देने की साजिश की जा रही हैं। पूर्व विधायक ने कहा कि उक्त खंड को सोनपुर मंडल में दे देने से समस्तीपुर मंडल में मात्र 547 किलोमीटर की लाइन चालू अवस्था में रह जाएगी। इस तरह से मंडल के अस्तित्व को खत्म करने की साजिश की जा रही हैं। 

समस्तीपुर मंडल में वर्षों से उक्त खंडों का संचालन बहुत ही अच्छे तरीके से चल रहा हैं। समस्तीपुर-खगड़िया रेलखंड तो पूरी तरह से समस्तीपुर जिला में ही है। इसका नियंत्रण समस्तीपुर मंडल से ही बेहतर तरीके से किया जा सकता हैं। वास्तव में मुजफ्फरपुर से कटिहार खंड को भी समस्तीपुर रेल मंडल के अधीन कर देना चाहिए ताकि इसका भी नियंत्रण अच्छे तरीके से हो सकेगा।