11 जनवरी 23 को पूर्वी सर्किल के सीआरएस सोमवोय मित्रा ने फारबिसगंज-सहरसा रेलखंड के नरपतगंज से फारबिसगंज के बीच 14.6 किलोमीटर रेलवे ट्रैक का निरीक्षण किया था. इसके बाद लोगों को ये आस जगी थी कि आमान परिवर्तन कार्य को लेकर मेगा ब्लॉक लगे इस रेलखंड पर लगभग 15 वर्षों के बाद फारबिसगंज से सहरसा के बीच सीधी रेलवे सेवा प्रारंभ होगी. दशकों से अलग-थलग पड़े दो संस्कृतियों का मिलन होगा. सीमांचल कोसी अंचल व मिथिलांचल एक दूसरे से जुड़ेंगे.
इनमें सामाजिक रिश्ते तो प्रगाढ़ होंगे, व्यवसाय के भी नये अवसर व द्वार खुलेंगे. लेकिन सीआरएस निरीक्षण के बाद भी अब तक इस रेलखंड पर ट्रेनों के परिचालन शुरू होते देखने के लिए लोगों की आंखे पथरा गयी है. यही नहीं फारबिसगंज रेलवे स्टेशन के पश्चिम भाग के लोगों को जो आशा बंधी थी कि फारबिसगंज-सहरसा रेल खंड आमान परिवर्तन कार्य के पूरा होने के बाद फारबिसगंज रेलवे स्टेशन के पश्चिम भाग में नया रेलवे स्टेशन भवन व पश्चिम भाग में एक बड़ा मुख्य द्वार बनेगा तो पश्चिम भाग में राम मनोहर लोहिया पथ पुरानी बस स्टैंड रोड गुलजार होगा.
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लेकिन लोगों के बंधी हुई सारे आशाओं पर पानी फिरता दिख रहा है. रेलवे सूत्रों के मुताबिक रेलवे स्टेशन के पश्चिम भाग में राम मनोहर लोहिया पथ पुरानी बस स्टैंड से सटे व रेलवे के फुट ओवर ब्रिज से सटे महज एक टिकट बुकिंग काउंटर के भवन का निर्माण युद्ध स्तर पर किया जा रहा है. उक्त भवन के छत के ढलाई का कार्य भी शुक्रवार को संपन्न हो गया.