दशकों तक विकास की रोशनी से वंचित रहने वाले क्षेत्र में अगर विकास की छोटी किरण भी पहुंचती है तो कैसे लोगों के चेहरे चमक जाते हैं, यह किशनगंज के पौआखाली में देखने को मिला. पहली बार किशनगंज जिले के नवनिर्मित पौआखाली रेलवे स्टेशन एक ट्रायल ट्रेन पहुंची तो उसे देखने के लिए स्थानीय लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. लोगों ने पहली बार अपने इलाके में ट्रेन देखकर काफी उत्साहित दिखे और उस पर चढ़ने, उतरने में लग गए.


बता दें कि किशनगंज में गलगलिया से अररिया तक जाने के लिए नए रेल रूट का निर्माण किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल से 2000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से ठाकुरगंज-अररिया रेल लाइन का निर्माण के तहत इस रेलखंड में पौआखाली रेलवे स्टेशन तक कार्य पूर्ण हो गया है. ट्रायल ट्रेन चलाया जा रहा है और आगे भी कार्य तेजी से चल रहा है.


अपने गांव में पहली बार ट्रेन की सौगात को देखने लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. जानकारी के अनुसार, वर्ष 2006 के बजट में सबसे पहले प्रोजेक्ट को शामिल किया गया था. वर्ष 2009 में 529 करोड़ की शुरुआती लागत तय की गई. वर्ष 2018 में लागत को संशोधित कर 2132 करोड़ किया गया और तेजी से फंड आवंटन तथा कार्य शुरू हुआ. अब तेजी से कार्य हो रहा है.


पौआखाली रेलवे स्टेशन पर पहली ट्रेन पहुंच चुकी है, इस स्टेशन पर पहली ट्रेन देखते हुए लोगों में काफी उत्साह है. जानकारी के अनुसार किशनगंज के नए रेल लाइन का रूट गलगलिया से अररिया तक लगभग बनकर तैयार हो चुकी है. इसका निर्माण कई फेज में किया जा रहा है, जहां पौआखाली तक पहली रेलगाड़ी पहुंच चुकी है.

रेल अधिकारियों के अनुसार इस रेल गाड़ी का परिचालन ट्रायल के रूप में किया गया है. बता दें कि अररिया गलगलिया रेलवे लाइन की कुल लंबाई 110 किलोमीटर है. इस परियोजना के लिए लगभग 2132 करोड़ की राशि खर्च की गई है. इस परियोजना के लिए कुल 1632 एकड़ भूमि का अधिकरण किया गया है.

यहां यह भी बता दें कि अररिया से गलगलिया के बीच कुल 15 रेलवे स्टेशन बनाए गए हैं. अररिया, अररिया कोर्ट, रहमतपुर बांसबारी, कुर्साकाटा, कालियागंज, टेढ़ागाछ, बीबीगंज, तुलसीया, पौआखाली, कादोगांव, भोगडावर और ठाकुरगंज रेलवे स्टेशन को एक दूसरे से लिंक किया गया है, जहां रेलगाड़ियों का ठहराव होना है. यह इलाके के लोगों के लिए बड़ी सौगात है.