JHANJHARPUR: अमान परिवर्तित फारबिसगंज- सहरसा रेलखंड के बचे भाग नरपतगंज से फारबिसगंज तक का ईस्टर्न सर्किल के कमिश्नर ऑफ रेल सेफ्टी द्वारा 134 किलोमीटर की गति से निरीक्षण किए जाने के बाद इस रेलखंड पर ट्रेनों के परिचालन का रास्ता प्रशस्त हो गया है। जिसकी पुष्टि समस्तीपुर डीआरएम आलोक अग्रवाल ने की है। लेकिन दुर्भाग्य प्लेटफॉर्म तक पटरी भी नहीं बिछाई गयी है। 

सिग्नल का काम अपूर्ण

जानकार सूत्रों के अनुसार फरवरी के प्रथम सप्ताह में इस रूट पर ट्रेन चलाई जाने की बात कही जा रही है। हालांकि अभी फारबिसगंज स्टेशन में ट्रेनों के परिचालन की मुकम्मल तैयारियां नजर नहीं आ रही है। पूर्व मध्य रेलवे की ट्रेनों के लिए प्लेटफार्म संख्या 3 एवं 4 का निर्माण किया गया है। जिसमें वाशिंग एपर्न का प्रावधान है। जबकि प्लेटफार्म संख्या 4 पर स्लीपर बिछाने से पूर्व सीमेंटेड बेश ही नहीं बना है और प्लेटफार्म संख्या 3 पर पटरी ही नहीं बिछाई गई। सिग्नलिंग की व्यवस्था भी अभी नहीं हुई है तो ऐसे में ट्रेनों का परिचालन कैसे होगा यह एक प्रश्नवाचक चिन्ह है।

पश्चिमी भाग में नहीं बनी UTS, प्रतिक्षालय, TC ऑफिस इत्यादि


डीआरयूसीसी के सदस्य बिनोद सरावगी का कहना है कि 5 जनवरी 2015 को जब एन एफ रेलवे माली गांव के महाप्रबंधक आर एस विरधी तथा डीआरएम ए के शर्मा निरीक्षण के क्रम में फारबिसगंज आए थे तो उस समय एक नक्शे का डिस्प्ले किया गया था। जिसमें यह दर्शाया गया था की स्टेशन के पश्चिमी भाग में एक नये स्टेशन भवन का निर्माण होगा। जिसमें एस एम कार्यालय, यू टी एस तथा पीआरएस काउंटर पुरुष एवं महिला प्रतीक्षालय, पूछताछ केंद्र, टी सी ऑफिस, टी स्टॉल, बुक स्टॉल, जीआरपी / आरपीएफ का आउटपोस्ट इत्यादि बनाए जाएंगे तथा इसके लिए वित्तीय प्रावधान भी किया गया था तथा निविदाएं भी आमंत्रित की गई थी। पर लगता है कि यह योजना अब ठंडे बस्ते में चली गई है। 

लंबी दूरी के ट्रेनों का परिचाल भी संभव नहीं

वही बिहार डेली पैसेंजर एसोसिएशन की केंद्रीय समिति के सदस्य बछराज राखेचा का कहना है कि 14 सालों का बनवास अब खत्म हुआ है तथा 88 वर्षों के बाद फारबिसगंज दरभंगा से जुड़ेगा तथा 14 वर्षों बाद सहरसा से। उन्होंने कहा की मेगा ब्लॉक के पहले इस रेलखंड पर 6 जोड़ी यात्री ट्रेनें चला करती थी। जबकि अभी फिलहाल सिर्फ दो ट्रेनों के परिचालन की अनुमति के लिए रेलवे बोर्ड को लिखा गया है। जिसमें से एक सहरसा से ललित ग्राम आने वाली ट्रेन तथा दूसरी दरभंगा से झंझारपुर आने वाली ट्रेन का विस्तार फारबिसगंज तक किए जाने की चर्चा है। लंबी दूरी की ट्रेनों के परिचालन की संभावना अभी दूर-दूर तक नहीं दिखती है।