झंझारपुर-लौकहा रेलखंड के बड़ी रेललाइन पर 7 साल के बाद मालगाड़ी चली। मालगाड़ी आज पहली बाड़ झंझारपुर हॉल्ट के समीप पहुंची। वहीं रेलगाड़ी की आवाज सुनकर सैकड़ों लोग रेल ट्रैक की ओर दौड़ पड़े। बताया जाता है कि रेलवे ट्रैक पर बिछाने वाला पत्थर लेकर पहली बार मालगाड़ी पहुंची। 


मालगाड़ी आज पहली बाड़ झंझारपुर हॉल्ट के समीप पहुंची।

मालगाड़ी के सभी बोगी से मजदूरों ने पत्थर को रेल ट्रैक पर गिराया। रेल विभाग के मुताबिक फिलहाल महरैल रेलवे स्टेशन तक रेलगाड़ी पहुंचाने का लक्ष्य रखा रखा गया है। झंझारपुर से महरैल की दुरी 7 किलोमीटर की है जिसमें अभी तक लगभग 4 किलोमीटर में ही पटरी बिछाई गई है। वहीं इस चार किलोमीटर के बीच रामचौक के पास अभी रेल ट्रैक नहीं बिछाई गई है।

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जबकि झंझारपुर से लौकहा रेलवे स्टेशन की दूरी 43 किलोमीटर है। इसमें 64 छोटे पुल और 7 बड़े पुल है। इसमें कई पुल का निर्माण फाइनल हो गया है तो कुछ निर्माणाधीन है। इसके अलावे 5 स्टेशन व 3 हाॅल्ट का भी निर्माण हो गया है लेकिन कई कार्य अभी बाकी है।

झंझारपुर लौकहा रेलखंड के बीच झंझारपुर जंक्शन के बाद झंझारपुर बाजार हाॅल्ट, महरैल रेलवे स्टेशन, चंदेश्वर स्थान हाॅल्ट, वाचस्पति नगर स्टेशन, बडहारा हाॅल्ट, खुटौना स्टेशन, लौकहा स्टेशन शामिल है।