SUPAUL: देश के अन्य हिस्सों से सीधी रेल कनेक्टिविटी के लिए सुपौल के लोगों की आंखें इंतजार में पथरा गईं हैं। रेलवे की ओर से बीच बीच में सुगबुगाहत होती है, लेकिन लोगों को सीधी रेल सेवा नहीं मिल रही है। लोगों की इस मांग को आगे करते हुए स्थानीय सांसद दिलेश्वर कामैत ने संसद के विशेष सत्र में जिले को देश के अन्य हिस्सों से सीधी रेलसेवा से जोड़ने की मांग की है।


सुपौल संसदीय क्षेत्र के सांसद दिलेश्वर कामैत ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी चौबे से निजी रूप से मिलकर कई बार क्षेत्र की समस्याओं से अवगत करवाते हुए अविलंब ट्रेन परिचालन शुरू करने की मांग की गई है।

उन्होंने कहा कि रेलवे बोर्ड द्वारा जोगबनी दानापुर और जोगबनी सहरसा एक्सप्रेस ट्रेन को काफी पहले स्वीकृति दी जा चुकी है। बावजूद अब तक इन ट्रेनों का परिचालन शुरू नहीं कराया जा सका है।कहा कि सहरसा फारबिसगंज के बीच 15 साल के लंबे अंतराल के बाद अमान परिवर्तन का कार्य पूर्ण हो चुका है, लेकिन अब तक सहरसा से ललित ग्राम तक ही डेमू ट्रेन का परिचालन किया जा रहा है।

पूर्व मध्य रेलवे के समस्तीपुर मंडल के ललित ग्राम से फारबिसगंज रेल परिचालन की शुरुआत की जाए। लोगों की समस्याओं को बताते हुए कहा कि आजादी के अमृत काल में भी जिले के लोगों को ट्रेन से देश के दूसरे हिस्से में जाने के लिए बगल के जिलों से ट्रेन पकड़नी पड़ रही है, जहां से जाने आने में लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसमें बस मालिक और निजी वाहन चालक लोगों से मनमाने तरीके से किराया वसूलते हैं।


साथ ही बसों में क्षमता से कहीं ज्यादा लोगों को लोड कर लिया जाता है। इससे बड़ी दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है। इसी वर्ष 11 जनवरी को नरपतगंज फारबिसगंज के बीच सीआरएस का निरीक्षण हो चुका है, लेकिन अब तक इस रेल खंड पर ट्रेन परिचालन शुरू नहीं कराया जा सका है। बता दें कि सहरसा फारबिसगंज के बीच बीते 15 वर्षों से रेल परिचालन बंद है। जबकि फारबिसगंज भाया निर्मली से दरभंगा भी रेल ट्रैक बनकर तैयार है। जहां 89 वर्ष बाद भी ट्रेन का परिचालन नहीं हो सका है।


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