JHANJHARPUR: झंझारपुर-लौकहा रेल खंड के बड़ी रेल लाइन का निर्माण कछुआ की गति से अधिक नहीं चल रहा है। अभी तक इस रेलखंड में स्टेशन व हाॅल्ट का निर्माण भी पुरा नहीं हो पाया है। हालांकि झंझारपुर जंक्शन और महरैल के बीच युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है। रेल ट्रैक बिछाने से लेकर स्टेशन और झंझारपुर बाजार हॉल्ट का रंग रोगन और यात्री शेड बनाया जा रहा है। अधिकारी के द्वारा दावा किया जा रहा है कि इस रेलखंड पर झंझारपुर से महरैल स्टेशन तक दुर्गा पूजा से लेकर छठ के बीच रेल परिचालन प्रारम्भ कर दिया जाएगा।


जबकि झंझारपुर से महरैल की दूरी 7 किलोमीटर की है। जिसमें अभी तक लगभग 4 किलोमीटर में ही पटरी बिछाई गई है। जबकि झंझारपुर से लौकहा रेलवे स्टेशन की दूरी 43 किलोमीटर है। इसमें 64 छोटा पुल व 7 बड़ा पुल है। 

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कई पुल का निर्माण फाइनल हो गया है तो कुछ निर्माणाधीन है। इसके अलावे 5 स्टेशन व 3 हाॅल्ट का भी निर्माण होना है। झंझारपुर लौकहा रेलखंड में झंझारपुर बाजार हाॅल्ट, महरैल, चंदेश्वर स्थान हाॅल्ट, वाचस्पति नगर, बडहारा हाॅल्ट, खुटौना, लौकहा रेलवे स्टेशन हैं। रेलखंड को बड़ी रेल लाइन में बदलने की घोषणा 17 वर्ष पूर्व ही की गयी थी। इसको लेकर दो-दो बार शिलान्यास भी किया जा चुका है। आमान परिवर्तन को लेकर मध्य पूर्व रेलवे ने 26 मई 2017 को ही मेगा ब्लाॅक लिया हुआ है।

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बड़ी लाइन पर रेल सेवा के इंतजार में आंखें पथरा गई हैं

इस रेलखंड पर ट्रेन का परिचालन नहीं होने से यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ रही है। लोगों अधिक भाड़ा देकर बस या ऑटो से सफर करने पर मजबूर हैं। झंझारपुर बाजार हॉल्ट, महरैल, चंदेश्वर स्थान हाॅल्ट, वाचस्पति नगर, बडहारा, खुटौना, लौकहा आदि के लोगों को काफी परेशानी हो रही है। आरटीआई एक्टिविस्ट मो रिजवान, चंद्रमोहन सिन्हा, शिवजी चौधरी, श्रवण चौधरी आदि लोगों ने बताया कि बड़ी रेल लाइन सेवा के लिए आंखें पथरा गई हैं। इनका कहना है कि रेलवे द्वारा बनाई गई अंडरपास ने परेशानी बढ़ा दी। बारिश हो जाने पर पानी का जमावड़ा लग जाता है।